हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , एक रिपोर्ट के अनुसार ,मिडिल ईस्ट अब व्यापक संघर्ष क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। एक अमेरिकी अधिकारी ने एबीसी न्यूज को बताया कि इजराइली मिसाइलों ने ईरान में एक साइट पर हमला किया है। हालांकि, अधिकारी ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि क्या हमले इराक और सीरिया पर भी हुए हैं।
अमेरिकन ब्राडकास्टिंग कॉरपोरेशन (एबीसी) और अन्य मीडिया खबरों में दावा किया गया है कि इस्फ़हान और तबरेज़ सहित कई ईरानी शहरों में विस्फोट सुने गए। सोशल मीडिया पर वीडियो में मिसाइलों को छोड़े जाते हुए कई फोटो सामने आ रहे हैं।
यह हमला 13 अप्रैल को ईरान द्वारा इज़राइल पर पहला सीधा हमला शुरू करने के कुछ दिनों बाद हुआ। तेहरान ने इज़राइल पर 300 से अधिक मिसाइलें और ड्रोन लॉन्च किए। ईरानी हमले सीरिया की राजधानी दमिश्क में एक ईरानी दूतावास पर 1 अप्रैल को हुए इज़राइली हमले के जवाब में थे।
हालांकि ईरान ने इस हमले को झूठ का पुलिंदा क़रार देते हुए इस ख़बर को पूरी तरह से नकार दिया है। सूत्रों के अनुसार सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में से कोई भी तस्वीर इजरायली हमले को साबित नहीं करती।
बता दें कि 13 अप्रैल को ईरान ने इज़रायल पर पहला सीधा हमला शुरू करते हुए इज़रायल पर 300 से अधिक मिसाइलें और ड्रोन लॉन्च किए थे। ईरानी हमले सीरिया की राजधानी दमिश्क में एक ईरानी दूतावास पर 1 अप्रैल को हुए इज़राइली हमले के जवाब में थे।
यह हमला ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई के आदेश पर किया गया था। इज़रायल पूरी दुनिया को अपनी ताक़त की धौस दिखाता था लेकिन इस हमले के बाद पूरे विश्व में जश्न मनाया गया था, क्योंकि गाजा पट्टी पर इजरायली अत्याचार और फिलिस्तीनियों के नरसंहार पर पर पूरे विश्व विशेष रूप से यूरोप की जनता विरोध प्रदर्शन कर रही थी।
इज़रायल जो मीडिया द्वारा अपनी ताक़त का ढिंढोरा पीटता था, इस हमले के बाद उसकी ताकत की पोल पूरी दुनिया के सामने खुल गई है। कमाल की बात तो यह है कि, हमास के हमले के बाद फौरन इजरायल का दौरा करने वाले आमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और ब्रिटेन के राष्ट्रपति ऋषि सुनक ने ईरान द्वारा किए गए हमले के बाद इजरायल का दौरा करने की बजाय अपने देश में ही रहना ज़्यादा बेहतर समझा।
बाइडेन ओर सुनक यह बात अच्छी तरह जानते हैं कि, ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई जो कहते हैं वह करते ज़रूर हैं। यही कारण है कि आयतुल्लाह ख़ामेनेई के बयान के बाद यूरोपीय देशों में खलबली मच गई थी। दूसरी तरफ ईजरायल अपनी ताकत की पोल खुलने पर पूरी तरह बौखलाया हुआ है। इसीलिए इजरायल हमले का दावा कर रहा है, जबकि ईरान ने इसे प्रोपेगैंडा और बकवास बताया है।